टूटना होता है किसी की बाँहों में और ऊंची पहाड़ी से गिरते झरने की तरह खुद को भारमुक्त करना होता है.
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उसे प्यार के सारे रंग मालूम थे मगर जिस्म का काला जादू किसी किताब के पन्ने में नहीं लिखा होता...उसके लिए किसी नर्म दोपहर खून का स्वाद चखना होता है होठों पर...टूटना होता है किसी की बाँहों में और ऊंची पहाड़ी से गिरते झरने की तरह खुद को भारमुक्त करना होता है.